बक्सर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन के बाद ब्रह्मपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का समीकरण बन रहा था, जो एनडीए के लिए गहरी चिंता का विषय था। लेकिन सोमवार को जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी डॉ सत्यप्रकाश तिवारी के नामांकन वापस ले लेने के बाद एक तरफ जहां जनसुराज को बड़ा झटका लगा है तो दूसरी तरफ एनडीए खेमे को मजबूती मिली है। डॉ तिवारी के नामांकन वापस ले लेने के बाद अब सीधा मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन हो गया है।
भाजपा से बागी होकर जनसुराज का थामा था दामन: बताते चले कि डॉ सत्यप्रकाश तिवारी इस बार एनडीए से टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में जाने के बाद हुलास पांडेय को एनडीए उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद डॉ. तिवारी ने असंतोष जताते हुए जनसुराज पार्टी से टिकट लेकर 17 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किया था। सूत्रों की माने तो नामांकन के बाद से ही भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान और ऋतुराज सिन्हा उनके संपर्क में थे। वे लगातार तिवारी को पार्टी में वापसी के लिए मनाने का प्रयास कर रहे थे।
BJP की यह कोशिश रंग लाई और सोमवार को डॉ सत्य प्रकाश तिवारी ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उप निर्वाचन पदाधिकारी सह डुमरांव के भूमि सुधार उपसमाहर्ता तथा ब्रह्मपुर विधानसभा के आरओ टेस लाल सिंह ने उनके नामांकन वापसी की पुष्टि की है।
समर्थकों में खुशी की लहर: डॉ सत्यप्रकाश तिवारी द्वारा नाम वापस लिए जाने के बाद एनडीए समर्थकों में खुशी की लहर देखी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जनसुराज के खेमे में मायूसी छाई हुई है। राजनीतिक पंडितों की माने तो डॉ तिवारी के इस कदम से एनडीए समर्थित हुलास पाण्डेय को मजबूती मिली है। हालांकि इसबार ब्रह्मपुर में कांटे टक्कर देखने को मिल सकता है।


