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वायरल ऑडियो ने खोली इंदिरा आवास योजना की पोल, पैसा दो नहीं तो दूसरी किश्त नहीं मिलेगी

सिमरी: सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। बगैर पैसा दिए यहां कोई काम नहीं होता है। फिर चाहे वह इंदिरा आवास योजना हो, लोहिया स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालय हो या ए टू जेड किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना हो तो चढ़ावा तो चढ़ाना ही पड़ेगा। ऐसा ही एक ऑडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक मुखिया जी लाभुक से पैसा ना देने पर दूसरी किस्त नहीं मिलने की धमकी देते सुने जा सकते हैं। ऑडियो वायरल होने के बाद लोग अब जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक पर तरह-तरह के सवाल भी उठा रहे हैं। वायरल ऑडियो सिमरी प्रखंड अंतर्गत काजीपुर पंचायत का बताया जा रहा है।

रिश्वत का पैसा नहीं देने पर अगली किस्त नहीं देने की दी जा रही धमकी: वायरल ऑडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि काजीपुर पंचायत निवासी इंदिरा आवास योजना के महिला लाभुक उषा देवी से पंचायत के मुखिया मोहम्मद इम्तियाज अंसारी साफ शब्दों में कहते हैं कि जब आदमी गया था तो पैसा क्यों नहीं दिया। इस पर महिला लाभुक ने अपनी आपबीती बताते हुए और गरीबी का हवाला देते हुए पैसा देने में अपनी अक्षमता जाहिर करती है। लेकिन मुखिया जी साफ शब्दों में कहते हैं कि अगर पैसा नहीं दोगी तो अगला किस्त नहीं मिलेगा और योजना से वंचित रह जाओगी।

क्या कहते हैं मुखिया: इस संबंध में मुखिया का पक्ष जानने के लिए जब बात की गई तो उनका कहना था कि विरोधियों द्वारा यह फसाने की साजिश है। हालांकि जब उनसे पूछा गया की वायरल ऑडियो में आवाज किसकी है, क्या वह भी विरोधियों की आवाज है तो इस सवाल पर मुखियाजी बगलें झांकने लगे।

क्या कहते हैं अधिकारी: मुखिया द्वारा खुलेआम रिश्वत मांगे जाने के सवाल पर जब डुमराव अनुमंडल के अनुमंडलीय पदाधिकारी राकेश कुमार से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है और इसकी जांच बीडीओ को सौंप दी गई है। वायरल ऑडियो की सत्यता जांच करने के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि मुखिया द्वारा खुलेआम रिश्वत मांगे जाने का ऑडियो वायरल होने के बाद लोग अब सुशासन पर ही सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे मामले एक या दो में नहीं बल्कि सैकड़ो में आते हैं। लेकिन शिकायत करने के बावजूद ऐसे जन प्रतिनिधियों अथवा विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि वायरल ऑडियो मामले में अनुमंडलीय प्रशासन क्या कार्रवाई करता है?

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