सिमरी: बिहार – उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली तथा दियारे की लाइफ लाइन माने जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य काफी जोर शोर से किया जा रहा है। लेकिन आशा पड़री से गांगौली बांध तक बन रही 7 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण के दौरान ही सुर्खियों में आ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी 7 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर पेवन साटकर किसी तरह से कोरम पूरा किया जा रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में नराजगी है। स्थानीय लोगो ने बताया कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता देख कर तो यही लग रहा है कि अधिकारियों ने ठेकेदार को सरकारी खजाने में लूट की खुली छूट दे रखी है।
दो राज्यों को जोड़ती है यह सड़क: जिले के डुमरांव अनुमंडल के दर्जनों गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश के बलिया से भी विश्वामित्र की पावन नगरी बक्सर को यह सड़क जोड़ती है। सिमरी, नियाजीपुर, ब्यासी, सहियार समेत दर्जनों गांव के हजारों लोग इस रास्ते से रोजी रोटी की तलाश में प्रत्येक दिन बक्सर एवं बलिया जाते है। उसके बाद भी इस सड़क के निर्माण कार्य में हो रहे भ्र्ष्टाचार पर किसी का ध्यान नही है। जिससे ग्रामीणों में घोर नराजगी है।
गौरतलब है कि बिहार – उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के पहले दिन से ही सुर्खियों में आ गई थी। जब बनी बनाई सड़क को उखाड़ कर पेवन साटने का कार्य किया जा रहा था। वहीं बरसात के दौरान उभर आए गढ्ढों में पानी भर जाने के कारण आएदिन दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल होते थे। अब आनन फानन में कालीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें हो रही अनियमितता को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।