लोगो के कड़े विरोध के बाद जांच से बाहर किया गया था सिमरी बीडीओ को
सिमरी: प्रखंड क्षेत्र के काजीपुर पँचायत के मुखिया पर इंदिरा आवास योजना में खुलेआम रिश्वत मांगने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया। इस मामले में एसडीएम ने जांच पूरी कर सील बंद लिफाफे में डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। पूछने पर जांच अधिकारियो ने बताया कि पीड़िता उषा देवी का आरोप सही है। जांच में यह स्पष्ट हो चुका है। आरोपी मुखिया ने भी अपना पक्ष रखा है। जिसमे उनके द्वारा यह बताया गया है कि वायरल ऑडियो में उनका आवाज नही है।
क्या है वायरल ऑडियो का मामला?: बताते चले कि काजीपुर पँचायत के स्थानीय गांव निवासी मजदूर परिवार से आने वाली उषा देवी पति- मनीष चौधरी, को सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला है। पीड़िता का आरोप है कि पहली किस्त आने के साथ ही मुखिया इम्तियाज अंसारी ने नजराना के तौर पर 10 हजार रुपये ले लिए। किसी तरह से दुकानदार से उधार लेकर मकान का प्लिंथ तक खड़ा की, इसी बीच सरकार ने दूसरा क़िस्त भेज दिया। उक्त मुखिया द्वारा पुनः 10 हजार की डिमांड की जाने लगी। जब नही दी तो फोन कर पुनः रिश्वत के तौर पर 10 हजार की डिमांड करते हुए, नही देने पर राशि वापस करा देने की धमकी देने लगे। जिसका पूरा ऑडियो रिकॉर्ड कर हमने सार्वजनिक कर दिया। ऑडियो वायरल होने के बाद आरोपी मुखिया द्वारा पीड़िता को ऑडियो डिलीट करने को लेकर कई तरह से डराया धमकाने जाने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने त्वरित एक्शन लेते हुए जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया। जांच टीम द्वारा नोटिस भेजकर डुमराँव एसडीएम कार्यलय में मुझे और आरोपी मुखिया को बुलाया गया। जंहा मैने अपना बयान दर्ज कराया। वहां भी एसडीएम के सामने ही मुखिया मुझे डराने के लिए कई तरह का आरोप लगा रहा था। जिसके बाद एसडीएम साहब ने मुखिया को फटकार लगाया और बयान दर्ज किए। जिसका अधिकारियो ने वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
लोगों के विरोध पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को जांच से किया गया था बाहर: काजीपुर पंचायत के मुखिया पर लगे आरोप की जांच के लिए सबसे पहले सिमरी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को जिम्मेवारी दी गई थी। जिसको लेकर लोग कई तरह के सवाल खड़े करने लगे और जांच की निष्पक्षता ही सवालों के घेरे में आ गई। पुनः जिलाधिकारी के निर्देश पर सिमरी के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को जांच से बाहर कर.डुमराँव अनुमण्डल के एसडीएम राकेश कुमार, एवं डीआरडीए के डायरेक्टर अरविंद कुमार सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया। जांच अधिकारियो ने प्रत्येक विंदु पर बारीकी से जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।
जांच में पीड़िता का आरोप पाया गया सही: जांच टीम में शामिल डुमराँव एसडीएम राकेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच की करवाई पूरी होने के साथ ही जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है। पीड़िता और आरोपी को आमने सामने बैठाकर बयान दर्ज किया गया है। जिसका वीडियो ग्राफी भी कराया गया है। सभी बिंदुओं पर जांच के बाद प्रथम दृष्टया पीड़िता का आरोप सही पाया गया है और मुखिया पर जो आरोप लगे है उस पर जिला स्तर से कार्रवाई होनी है। मुखिया ने भी अपना पक्ष रखा है।
पीड़िता ने कहा जिलाधिकारी मेरे साथ करे न्याय: अधिकारियो द्वारा जांच रिपोर्ट भेजे जाने के बाद जब पीड़िता उषा देवी से बात की गई तो उसने कहा कि जिलाधिकारी मेरे साथ न्याय करेंगे। इस उम्मीद में प्रत्येक दिन डर के साये में जीवन जी रही हूँ। मुखिया पहले ही 10 हजार ले चुके है। अब कई तरह से परेशान किया जा रहा है। अर्धनिर्मित मकान में कभी शराब की फ्रूटी. तो कभी कुछ और गैर कानूनी सामग्री फेक कर हमलोगों को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। मजदूरी कर किसी तरह से गुजारे कर रहे है। अब मेरा आवास बने या न बने अब मुझे न्याय चाहिए। जिसका साक्ष्य भी हमने जांच अधिकारियो को उपलब्ध करा दिया है।
गौरतलब है कि इंदिरा आवास योजना के बदले रिश्वत मांगने के मामले में अधिकारियो के जांच रिपोर्ट में मुखिया को दोषी पाए जाने का मामला प्रकाश में आते ही पूरे जिले में हड़कम्प मचा हुआ है। अब सभी की निगाहें जिलाधिकारी पर टिकी हुई है.वही पीड़ता उषा देवी अब भी अपने बयान पर कायम है और उसे जिलाधिकारी पर भरोसा है कि उनके साथ वह न्याय करेंगे।