Homeप्रदेशउस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का डुमरांव में हुआ आयोजन

उस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का डुमरांव में हुआ आयोजन

डुमरांव: कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन बक्सर के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को डुमरांव राज +2 उच्च विद्यालय में प्रख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का आयोजन किया गया। जहां प्रभारी जिलाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी तथा कलाकारों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया गया। प्रभारी जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां का जन्म डुमरांव में हुआ था। वे भारत के प्रख्यात शहनाई वादक थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन को संगीत के प्रति समर्पित किया। उन्होंने बनारस घराने की शैली में शहनाई वादन को नई ऊंचाई दी। उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त है एवं वर्ष 2001 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

होगी संगीत महाविद्यालय की स्थापना: प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 15 फरवरी 2025 को बक्सर जिला अंतर्गत प्रगति यात्रा के दौरान डुमरांव में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। जिसकी स्वीकृति रिकॉर्ड समय में प्राप्त हुई। संगीत महाविद्यालय के लिए कुल 1452.15 लाख (चौदह करोड बावन लाख पन्द्रह हजार) रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। बिहार राज्य में संगीत के क्षेत्र में यह प्रथम महाविद्यालय की स्थापना होगी, जिससे बिहार एवं अन्य राज्यों के युवाओं को सुनहरा अवसर मिलेगा। डुमरांव में घराना की विरासत अभी भी बरकरार है। आने वाले दिनों में इसकी ख्याति पूरे देश में और फैलेगी।

कलाकारों ने दी प्रस्तुति: स्थानीय कलाकार सुमन कुमारी एवं समूह द्वारा स्वागत गीत, ओमकार दूबे द्वारा गजल गायन, कुमारी ज्योति, सुमन कुमारी, शौर्य कुमार, विनय मिश्रा, शिवपूर्णा मिश्रा, ऐश्वर्या मिश्रा, ब्रजेश कुमार चौबे, रंजीत कुमार, अमित कुमार द्वारा एकल गायन, रितम एवं रूपम दूबे, ड्यूट डांस, कुसुम कुमारी, नैना कुमारी, रितम द्वारा एकल डाँस, प्रकाश एवं समूह द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई। महोत्सव में धीरज पाण्डेय एवं रागिनी भारती द्वारा गायन, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जीवनी पर लघु नाटक, भागलपुर सूफियाना ग्रुप द्वारा क़व्वाली, सूफी संगीत की प्रस्तुति, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां घराना द्वारा शहनाई वादन, श्यामा शैलजा झा द्वारा गजल, कुमार चंद्रशेखर द्वारा संतूर वादन, राकेश राज शानू एवं सतेंद्र संगीत द्वारा लोक गीत की प्रस्तुति दी गई। शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जीवनी पर पुस्तक के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा अभिभाषण दिया गया।

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