Homeप्रदेशअस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने ली नवजात की जान

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने ली नवजात की जान

सिमरी: सूबे की सरकार भले ही चिकित्सा के क्षेत्र में तमाम बेहतरी का दावा करते नहीं थकती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को रुई से लेकर सुई तक के लिए दर – दर भटकना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला सिमरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया, जहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक नवजात की मौत हो गई। वहीं प्रसूता के जान पर भी बन आई। नवजात की मौत के बाद पीड़ित परिजनों ने गुरुवार को सीएचसी पहुंच जमकर हंगामा किया।

प्रसव पीड़ा होने पर पहुंचे थे अस्पताल: मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित परिवार के दरोगा प्रसाद ने बताया कि बुधवार की अहले सुबह उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले आए। जहां 6 बजकर 40 मिनट पर लड़का पैदा हुआ। जन्म लेने के बाद नवजात के शरीर में किसी तरह की हलचल नहीं हो रही थी, फिर भी ड्यूटी पर मौजूद जीएनएम सरिता कुमारी व सहायिका राधिका देवी ने कहा ऑल इज वेल। थोड़ी देर बाद जब नवजात का शरीर नीला पड़ने लगा तब परिजन बेहतर चिकित्सा हेतु रेफर करने की मांग करने लगे परन्तु अस्पताल कर्मियों ने उनकी एक न सुनी और 4 घंटे तक अस्पताल में ही रोके रखा।

परिजनों ने लगाया पैसे मांगने का आरोप: हंगामे के दौरान पीड़ित परिजनों ने ड्यूटी पर मौजूद अस्पताल की महिला कर्मी राधिका देवी पर पैसे लेने का गंभीर आरोप लगाया। परिजनों का कहना था कि अस्पताल में एडमिट होने के बाद से ही कभी इंजेक्शन देने के नाम पर तो कभी पानी चढ़ाने के नाम पर, यहां तक कि प्रसव के बाद टांका देने के लिए भी 200, 500 करके कुल चार हजार रुपए ऐंठ लेने का आरोप लगाया है।

ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे डॉक्टर: पीड़ित परिजन कंचन देवी व दरोगा प्रसाद ने बताया कि वे लोग जब मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे तब न तो यहां कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही जीएनएम मौजूद थी। बस सहायिका के भरोसे कार्य चल रहा था। और शायद यही कारण था कि नवजात की तबियत बिगड़ने के बावजूद उसे बेहतर चिकित्सा न तो सीएचसी में मिल पाई और न ही अन्यत्र रेफर किया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी: इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन शिव कुमार चक्रवर्ती से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये बेहद ही गंभीर मामला है और प्रथम दृष्टया अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है। मामले को लेकर संबंधित डॉक्टर व कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। साथ ही एक उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन भी किया गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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