सिमरी: गंगा नदी अपने उफान पर है। जल स्तर बढ़ने के कारण दियारा के कई गांव पानी से घिरकर टापू में तब्दील हो गए हैं। रामदास राय के डेरा, बेनीलाल के डेरा, श्रीकांत राय के डेरा, भिक्षुक के डेरा सहित कई अन्य गांव पानी से घिर जाने के कारण मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोगों के लिए आवागमन हेतु अब नाव ही एकमात्र सहारा बन गई है। प्रशासन द्वारा लोगों के आवागमन हेतु 8 नावों की व्यवस्था की गई है जो कि अपर्याप्त है।
सैकड़ो बीघा में लगी फसल भी डूबी: बाढ़ प्रभावित दियारा इलाके में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण सैकड़ो बीघा में लगी ज्वार, मक्का, परवल, टमाटर आदि फसलें पानी में डूब गई है। जिसके कारण पशुपालकों के समक्ष चारे आदि की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं दूसरी तरफ विषैले जंगली जीव जंतुओं का खतरा भी काफी बढ़ गया है। जिसके कारण लोगों की रातें दहशत के बीच गुजर रही है।
मेडिकल टीम की नहीं है व्यवस्था: स्थानीय लोगों ने बताया कि विषैले जीव जंतुओं के भय से शौच आदि नित्यकर्म के लिए भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ललन यादव, घनश्याम यादव, अर्जुन यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी आ तो रहे हैं लेकिन बांध पर से ही फोटो खिंचवाकर चले जा रहे हैं। अभी तक गांव में या तटबंध पर भी कहीं भी मेडिकल टीम या पशु चारे की व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है।