बुधवार को जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा एम0पी0 हाई स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की समीक्षा की गई। वर्ग 10 के कुल 04 सेक्शन में मात्र 27 एवं वर्ग 09 के कुल 03 सेक्शन में मात्र 65 छात्र-छात्राएँ उपस्थित पाये गये, जो स्थिति अत्यंत ही खेदजनक पाई गई।
शौचालय के निरीक्षण के क्रम में स्थिति अत्यंत ही असंतोषजनक पाया गया। इस संबंध में वहाँ के लाईब्रेरी में पढ रहे छात्रों के द्वारा भी शिकायत की गई। कई भवन क्षतिग्रस्त पाये गये एवं कई कमरे एवं हॉल बिना किसी उपयोग के बंद रखे गये है। जो उपयोग के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहे है। बताते चलें कि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों को बेहतर बनाने हेतु विभिन्न स्तरों से प्रधानाध्यापक को दिए गए निर्देश के बावजूद विद्यालय की स्थिति की सुधार के प्रति न कोई अभिरूचि परिलक्षित हुई और न ही कोई कार्य योजना है। विभिन्न मदों में उपलब्ध राशि से विद्यालय के विकास हेतु प्रधानाध्यापक की कोई कार्य योजना नहीं है।
सबसे आर्श्चयजनक स्थिति यह पाया गया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर के बिना संज्ञान मे लाये हुए पुलिस बल के उपयोग हेतु 03-04 कमरे उपलब्ध करा दिया गया है। जबकि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के द्वारा इस प्रकार के उपयोग पर रोक लगाया गया है।
उक्त तथ्यों के आलोक में प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण करते हुए वेतन भुगतान स्थगित करने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर को विद्यालय की गहन जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करने का निर्देश भी दिया गया।
निरीक्षण के क्रम में उप विकास आयुक्त बक्सर, जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर एवं प्रधानाध्यापक सहित अन्य उपस्थित थे।