“गौरतलब है कि जिले के पंचायतो में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। अभी एक महीना पहले भी सिमरी थाना क्षेत्र के काजीपुर पंचायत के मुखिया द्वारा इंदिरा आवास योजना के लाभुक से ₹10000 बतौर नजराना मांगने का ऑडियो वायरल हुआ…”
बक्सर: अभी भ्रष्टाचार का एक मामला पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ था कि जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर धनसोइ पँचायत के मुखिया व उसके सहयोगी 22 मजदूरों के 5.5 लाख के फर्जीवाड़े का बड़ा आरोप लग गया। जिसके कारण 22 महादलित परिवारो के घर का चूल्हा ठंडा पड़ गया। हैरानी की बात है कि दबंग मुखिया के खिलाफ अपनी शिकायत लेकर पहले धनसोइ थाने, उसके बाद बक्सर साइबर थाने में पहुँचे पीड़ित परिवारों की समस्या का समाधान करने के बजाए पुलिस ने सभी को थाने से भगा दिया। परेशान सफाईकर्मीयो ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसपी शुभम आर्य ने धनसोइ के थानेदार को जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है लेकिन हैरत की बात है कि 72 घण्टे बाद भी एफआईआर दर्ज नही हुई।
क्या है मामला?: एसपी को दिए आवेदन में महादलित परिवार से आने वाली कंचन देवी, पति विश्वकर्मा डोम ने बताया है कि मुखिया द्वारा पँचायत सफाईकर्मी के तौर पर हमलोगों को रखा गया है। पिछले साल से ही नाली साफ करने के साथ ही डोर टू डोर कचड़ा उठाकर पूरे पँचायत की साफ सफाई का काम हमलोग करते है। लेकिन मुखिया ने हमारे एक साल की कमाई को बैंक कर्मियों के साथ मिलकर साफ कर दिया। 365 दिन की मजदूरी के तौर पर हमलोगों के खाते में 25-25 हजार रुपये आया था। रामचन्द्र डोम ने बताया कि मुखिया जी ने कहा कि तुमलोग अब सरकारी सफाईकर्मी बन गए हो, बैंक में चलो अंगूठा लगाओ जिससे आईकार्ड बन जायेगा और तुमलोग अब बस या ट्रेन में जाओगे तो किराया नही लगेगा। हम सभी ने अंगूठा लगा दिया। जिसके कुछ घण्टे बाद पता चला कि खाते से पैसा निकाल लिए गए। हमलोग मुखिया के पास गए तो उन्होंने कहा कि 6-6 हजार रुपये पकड़ो और जाओ। अब एसपी साहब ही हमारा न्याय करेंगे।
काम पर रखने से पहले भी पैसे ऐंठने का आरोप: पँचायत के ही कैलख गांव एवं अमरपुर के रहने वाले सफाईकर्मियों ने बताया कि हमलोगों को काम पर रखने से पहले भी मुखिया ने यह कहकर 30-30 हजार रुपये लिया कि सरकारी नौकरी लग रही है। तुमलोग पैसा दो कल से ही काम शुरू हो जाएगा। जिसके बाद हमलोगों ने पैसा दे दिया और अब मुखिया ने हमारे मजदूरी का पैसा भी निकाल लिया। कैलख गांव की ही रहने वाली अनिता देवी एवं सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि मुखिया ने तो हमें सड़क पर ला दिया। उसी पैसे के सहारे साहूकारों से राशन पानी उधार लाए थे अब कहा से कर्ज चुकाएंगे।
मुखिया पर दर्ज होगा एफआईआर: इस संबंध में पूछने पर धनसोइ थाना प्रभारी ने बताया कि एसपी साहब का फोन आया था। मुखिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाया जाएगा। साथ ही उस बैंक की भूमिका की भी जांच होगी कि इनके पैसे मुखिया के लोगो को कैसे दे दिया।
गौरतलब है कि जिले के पंचायतो में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। अभी एक महीना पहले भी सिमरी थाना क्षेत्र के काजीपुर पंचायत के मुखिया द्वारा इंदिरा आवास योजना के लाभुक से ₹10000 बतौर नजराना मांगने का ऑडियो वायरल हुआ था। हालांकि जिलाधिकारी के तल्ख तेवर के कारण मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा दोषी मुखिया को संरक्षण दिए जाने के कारण एफआईआर दर्ज होने के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके कारण दबंग मुखिया मूंछों पर ताव देकर घूम रहा है तो पीड़ित परिवार डर के साए में जीवन गुजार रहा है। ऐसे मामलों में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे भ्रष्ट जन प्रतिनिधियों पर तत्काल कार्रवाई के साथ-साथ बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी त्वरित गति से होनी चाहिए। तभी ऐसी हिम्मत करने वाले परिवारों को न्याय मिल पाएगा और भ्रष्टाचारियो पर नकेल लगेगी।